another place altogether
Monday, July 27, 2009
break
अब तुम्हारे होने और ना होने में मेहेज़ एक अंतर रह गया हैं
पूछ रहे हो बे रेहेमी से के वह क्या हैं?
कह तोह दिया
केवल एक अंतर हैं
समंदर की गहरायिओं सा और चट्टानों सा ऊंचा
एक विशाल अद्भुत अंतर
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment